नागरिक के कर्तव्य

नागरिक शब्द का सामान्य अर्थ है नगर में रहने वाला व्यक्ति। परंतु इस शब्द को इतने सीमित अर्थों में नहीं देखा जा सकता।नागरिक को देश में निवास करने वाले के रूप में माना जाता है। स्वस्थ एवं बुद्धिमान नागरिक ही देश का हित करने में समर्थ हो सकता है। प्रत्येक नागरिक के लिए शिक्षित होना अनिवार्य है क्योंकि बिना शिक्षा के उसका मानसिक विकास नहीं हो पाता। 

शिक्षित होना नागरिक का कर्तव्य है। उत्तरदायित्व की भावना का जागरण भी नागरिक के कर्तव्य में ही सम्मिलित है।आत्मनिर्भरता के बिना कोई भी नागरिक स्वावलंबन की भावना से नहीं भर सकता। 

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परोपकारी स्नेहठील एवं विवेकी होने के लिए आवश्यक गुणों का संग्रह एक अच्छे नागरिक में होना चाहिए। प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह देश भक्त इमानदार समाजसेवी शिक्षित उदार परोपकार और मानवतावादी हो। इन्हीं गुणों से वह कर्तव्य शील और अधिकारों का सदुपयोग करने वाला बन सकता है।

सम्मान, प्रेम और ईमानदारी

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हर एक नागरिक को एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। हर एक नागरिक को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए और साथ ही एक दूसरे के प्रति प्रेम भावना रखनी चाहिए। एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या की भावना नहीं होनी चाहिए क्योंकि ईर्ष्या मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। 

ईर्ष्या मनुष्य को अंधा कर देता है और ईर्ष्या के कारण आपसी संबंध भी बिगड़ जाते हैं। किसी भी नागरिक को घमंड नहीं करना चाहिए। किसी भी नागरिक को जल्दबाजी में कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए क्योंकि जल्दबाजी में लिया गया कदम हमेशा गलत होता है।

हर एक नागरिक को अपनी बात कहने की पूरी आजादी है। किसी भी नागरिक कोधर्म, जाति और रंग रूप के नाम पर भेदभाव नहीं करना चाहिए।हर एक नागरिक को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए।हर एक नागरिक को ईमानदार होना चाहिए।हर एक नागरिक को अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए।

स्वच्छता और साफ‑सफाई

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हर एक नागरिक का कर्तव्य है कि वह यहां वहां गंदगी ना फैलाएं और अपने आसपास सफाई बनाए रखें।हर एक नागरिक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह प्रदूषण ना फैलाएं क्योंकि प्रदूषण के कारण काफी बीमारियां फैलती और इसके कारण स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।अनेक प्रकार के रोग बढ़ते जा रहे हैं, सांस, गले, कान, फेफड़ों, त्वचा संबंधी रोगों में निरंतर वृद्धि होती जा रही है।
जल प्रदूषण के कारण पेट के अनेक रोग बढ़ गए हैं तथा ध्वनि प्रदूषण से उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव आदि बढ़ रहे हैं।आज वायु इतनी प्रदूषित हो गई है कि सांस लेने के लिए शुद्ध वायु का भी अभाव हो गया है।

समय का सदुपयोग

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हर एक नागरिक को समय का सदुपयोग करना चाहिए क्योंकि समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।एक बार जो समय बीत गया वह लौट कर वापस कभी नहीं आता।सफलता उसी मनुष्य को मिलती है जो समय के साथ चलता है।

समय लोगों को गिराता भी है और उठाता भी।हर मनुष्य का अच्छा समय भी आता है और बुरा समय भी आता है।मनुष्य के जीवन में सुख भी आता है और दुख भी।जरूरत है तो बस धैर्य धारण करने की। मनुष्य को हर काम धीरज के साथ करना चाहिए।

पर्यावरण की सुरक्षा

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किसी भी नागरिक को पेड़ नहीं काटना चाहिए औरअपने पर्यावरण को सुरक्षित रखनाचाहिए।पेड़ पौधे हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।पेड़ पौधे हमें फल, फूल इत्यादि प्रदान करते हैं।

अगर पर्यावरण को हानि हुई तो इसका दुष्प्रभाव सबको झेलना पड़ेगा। आजकल वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण भी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के लिए मनुष्य को वृक्षों की कटाई पर नियंत्रण रखना होगा और अधिक से अधिक वृक्ष लगाना होगा।

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